122 वर्षों के इतिहास में गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) पहली महिला कुलपति बनी प्रोफ़ेसर हेमलता
हरिद्वार।। गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) में प्रोफ़ेसर की वरिष्टता क्रम में प्रोफ़ेसर हेमलता के. को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के नियमानुसार कुलपति बनाया गया है| कार्यवाहक कुलसचिव प्रो० डी०एस० मलिक ने प्रोफ़ेसर हेमलता के. को कुलपति का पदभार ग्रहण कराया है| उन्होंने बताया कि प्रो. हेमलता की नियुक्ति यूजीसी के मानकों के अनुरूप वरिष्ठता क्रम में हुई है। जब तक स्थायी कुलपति की नियुक्ति नही होती तब तक कुलपति पद के सभी दायित्वों का निर्वहन प्रो. हेमलता कुलपति के रूप में करेंगी।
इस दौरान कुलसचिव प्रो डी०एस० मलिक ने बताया की स्वामी श्रद्धानंद की तपस्थली गुरूकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) में पहली बार एक महिला को कुलपति का कार्यभार दिया गया है | मूल रूप से दक्षिण भारत के मददुरई की रहने वाली प्रो. हेमलता के. ने मददुरई में यू.जी., चेन्नई में पी.जी. करने के बाद साल 1997 में गुरूकुल कांगड़ी से पी.एच.डी की उपाधि प्राप्त की थी। वह कन्या गुरूकुल परिसर, देहरादून में अंग्रेजी की प्रोफेसर के तौर पर कई दशकों से कार्यरत हैं|
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की स्थापना १९०२ में स्वामी श्रध्दानन्द ने कांगड़ी गाँव में की थी |गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय को १९६२ में भारत सरकार द्वारा डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था| अभी तक समविश्वविद्यालय में कुलपति पद पर पुरुष ही आसीन हुए है | प्रो. हेमलता के. को महिला कुलपति बनाने का प्रथम अवसर मिला है, जो इतिहास के पन्नों में अंकित होगा |प्रो. हेमलता के. मूल रूप से दक्षिण भारत के मददुरई की रहने वाली है उन्होंने स्नातक की शिक्षा – दीक्षा मददुरई में और चेन्नई से अंग्रेजी में एम् ए किया था| प्रो. हेमलता के. ने साल 1997 में गुरूकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय), हरिद्वार के अंग्रेजी विभाग के प्रो. नारायण शर्मा के निर्देशन से पीएचडी की उपाधि हासिल की थी और पन्द्रह सालों से प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत है ।
प्रो. हेमलता के . की पारिवारिक स्थिति शिक्षा जगत से जुडी हुयी है उनके पति शिव कुमार भारत सरकार में वैज्ञानिक पद से सेवानिवृत्त हो चुके है बड़ा बेटा वैज्ञानिक और दूसरा पुत्र अभियंता के पद पर कार्यरत है | उन्होंने बताया कि गुरुकुल का उत्थान सभी महिलाएं मिलकर करेंगी| आधुनिक समय में पुरुष और महिला एक – दूसरे के पूरक है |