टेंट तो उखाड़ा, पर कमरे में हुई धर्मसंसद, दिया विवादित बयान मोदी-योगी के लिए कही ये बात, देखें वीडियो
हरिद्वार।। धर्मनगरी हरिद्वार में होने वाली धर्म संसद को हरिद्वार प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के बाद आज होने वाली धर्म संसद को निरस्त कर दिया गया है जिसके बाद अब जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद ने सुप्रीम कोर्ट की पद यात्रा करने की घोषणा की, जिसके बाद धर्मसंसद के लिए लगा टैंट हो जिला प्रशासन की सख्ताई के बाद हटा दिया गया लेकिन उसके बाद स्वामी यति नरसिंहानंद ओर उनके साथ अन्य संतो ओर उनके अनुयायियों ने जूना अखाड़े के बैठक रूम में सूक्ष्म रूप धर्मसंसद की और एक बार फिर विवादित बयान दे डाला।
प्रशासन की सख्ताई के बाद रद्द हुई लेकिन उसके बाद भी जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यदि नरसिंहानंद द्वारा अखाड़े के मीटिंग हॉल में बाकायदा धर्म संसद का बैनर लगाकर सूक्ष्म रूप में धर्म संसद का आयोजन किया गया, जिसमें स्वामी नरसिंहानंद ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि सनातनी सोच के,,,,,,,,, बैठे हुए हैं वहां पर जो अपने आप को सनातनी सोच बता रहे हैं पहले वह भी इतना लंबा तिलक लगाकर सारे यही ड्रामा करते थे, जिस देश के एक-एक लड़का है वह मर जाएगा वह अपने लड़के को ना कराटे सीखने देगा ना जूडो सीखने देगा ना किसी उसमें जाने देगा ,बेसिक समस्या यह है कि हिंदुओं के घर में बच्चे नहीं है और सुन लो एक बच्चा होगा तो सिर्फ रो सकते हैं एक दूसरे की मौत पर, लड़ तो सकते नहीं है, बस भूल जाओ एक बच्चे वाला कोई नहीं लड़ रहा और जहां तक सत्ता की बात है हिंदू क्योंकि हिंदू का केवल नेताओं की दलाली और राजनीति करनी है , लड़ने की बात करनी है तो हमसे करो अगर कोई लड़ने की योजना हो बाकी सत्ता तक पहुंचते पहुंचते, हमने बीजेपी को सत्ता तक पहुचाते पहुचाते हमारे ,,,,,,, से लेकर सारा कुछ घिस गया हम बिल्कुल गल गए नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री और योगी को मुख्यमंत्री बनाने में मैं नरसिंहानंद व्यक्तिगत गल गया ,,कोई सनातनी सोच है ही नहीं ,यह सब कहने की बातें हैं सनातनी सोच साधुओं में है नहीं, नेताओं में कहां से आएगी एक नेता मुसलमान के बारे में बोलने के लिए तैयार नहीं है हिंदू का धर्मगुरु कोई बोलने के लिए तैयार नहीं है।
धर्मसंसद के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी यति नरसिंहानंद ने कहा की जिला प्रशासन द्वारा आज होने वाली धर्म संसद की अनुमति नहीं दी गई थी और जो व्यवस्था हमारे द्वारा की गई थी जिसमें टेंट और हलवाई इत्यादि को धर्म संसद के लिए बिठाया गया था उन्हें भी प्रशासन द्वारा हटा दिया गया, ओर अब वे सुप्रीम कोर्ट तक की पदयात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां वे खड़े हो जाते हैं वहीं धर्म संसद का आयोजन हो जाता है जिस तरह से जिला प्रशासन द्वारा उनके आयोजन को रद्द किया गया उसके बाद वृहद रूप में न होकर बंद कमरे में अब सूक्ष्म रूप में धर्म संसद का आयोजन कल और परसों भी किया जाएगा जिसमें देश के कोने-कोने से आए लोगों द्वारा आगे की रणनीति पर मंथन किया जाएगा।